IQAC एवं MSW समाज कार्य विभाग द्वारा बजट-2017 पर परिचर्चा सम्पन्न
राजनांदगांवः- शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय राजनांदगांव के IQAC एवं समाज कार्य MSWध विभाग द्वारा बजट विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें समाज के विभिन्न क्षेत्र शिक्षा, उद्योग, व्यावसाय, कृषि, रोजगार, कौशल, पत्रकारिता एवं मूलभूत जरूरत, दृष्टिगत रखकर विषय विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया, जिसमें वरिष्ठ अधिवक्ता (इनकम टैक्स) श्री सुरेश एच.लाल (शिक्षाविद), सुधीर बुद्धन (उद्योगपति) संतोष जैन (कृषि) श्री बिसेशर साहू, प्राचार्य डाॅ.आर.एन.सिंह मुख्य रूप से उपस्थित होकर अपने विचार प्रस्तुत किये। परिचर्चा का प्रारम्भ प्रो.विजय मानिकपुरी MSW द्वारा किया गया। परिचर्चा के मूल उद्देश्य बताते हुये, इस सत्र के बजट पेश होने के तात्पर्य को प्रस्तुत करते हुए डाॅ.आर.एन.सिंह ने विस्तृत विषय प्रस्तुत किये, उन्होंने मनरेगा, शिक्षा, व्यापार व्यवस्था जैसे विभिन्न मुद्दों के आंकडों के आधार पर विषय प्रस्तुत किये।
विषय विशेषज्ञ के रूप में सुरेश एच.लाल द्वारा बताया गया कि अभी तक का सबसे विस्तृत बजट पेश किया गया है, जो सभी आम नागरिकों के निवेश एवं सुविधाओं के आधार पर रहा। देश की अर्थ व्यवस्था अर्थ मूलक हो एवं लोक लुभावन के साथ-साथ लोक हीत कारी हो ऐसा बजट रहा है और लोगों को अपने व्यावसाय अपने कौशल के द्वारा उत्पन्न करने सम्बंधी विचार रखें। आधार भूत संरचना आधारित बजट में वृद्धि मूल्य निर्धारण जैसे विषयों को विस्तार से प्रस्तुत किया। किसान अपने लाभ को दूगुना करे। इसका प्रयास बजट में किया गया। साथ ही नौकरियों में संलग्न कर्मचारियों को भी दृष्टिगत रखा गया। तत्पश्चात् संतोष जैन द्वारा देश की अर्थव्यवस्था बजट पर निर्भर होना बताया तथा बजट के प्रस्तुत होने जो फरवरी में हुआ है, उसके कारण अतिरिक्त बजट प्राप्त हुआ। और बजट को आम लोगों के उपर आधारित है, यह बताया। कृषि क्षेत्र के बिसेसर साहू द्वारा बजट को ऐतिहासिक बजट कहा, जिसमें किसानों के सुझाव को भी सम्मिलित किया जाना बजट में हर्टीकल्चर की बीमा फसल बीमा, पशुपालन, डेयरी उद्मियता विकास को काफी लाभदायक बजट बताया डाॅ.सिंह द्वारा बजट के मुल उद्देश्य आगामी योजना और पिछली समीक्षा तंत्र का मुख्य आधार बताए। परिचर्चा में विषय प्रस्तुति के बाद खुला प्रश्न में डाॅ.चन्द्रकुमार जैन ने बजट की मूल थीम (लक्ष्य) एवं बजट के स्लोगन संबंधी सवाल पूछे एवं डाॅ.शंकरमुनि राय द्वारा रेल्वे बजट को मूल बजट में शामिल करने संबंधी प्रश्न करके रेल विकास के बारे में आम जनता को होने वाले फायदे संबंधी प्रश्न किए। डाॅ.महेश श्रीवास्तव ने कौशल विकास संबंधी प्रश्न किए, खोमन साहू ने शिक्षा के यूरोपिय आबंटन को आधार बनाकर देश में वितरित मद संबंधी प्रश्न किए, छात्र प्रवीण साहू एवं धर्मेन्द्र ने शिक्षा एवं प्रतियोगी परीक्षा संबंधी बजट प्रावधान जानना चाहा। परिचर्चा में प्रो.विजय मानिकपुरी द्वारा बजट और बजेटिंग का मूल उद्देश्य देश के आर्थिक संरचना तैयार करने संबंधी बताया तथा परिचर्चा का संचालन करते हुए जिज्ञासापूर्ण प्रश्न भी पूछे। परिचर्चा में आभार प्रदर्शन डाॅ.शैलेन्द्र सिंह द्वारा किया गया तथा सभी उपस्थित विषय विशेषज्ञ, प्राध्यापकगण, विद्यार्थीयों को धन्यवाद ज्ञापित किया एवं बजट के चर्चा को सार्थक बताया। परिचर्चा में उपस्थित डाॅ.चन्द्रिका नाथवानी, डाॅ.अमिता बख्शी, डाॅ.के.के.देवांगन, प्रो.बी.एल.कश्यप, प्रो.मीना प्रसाद, डाॅ.एस.के.उईके, डाॅ.अनिता महिश्वर, डाॅ.जेनामणी, प्रो.मण्डावी, प्रो.राजू खूंटे, डाॅ.अंजना ठाकुर, डाॅ.सुमीता श्रीवास्तव, कु.द्विव्यापवार एवं MSW विभाग, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, वाणिज्य विभाग के छात्रगण उपस्थित रहे।