19
January, 2017
मिट्टी, हवा और पानी को प्रदूषण से बचाकर समाज और देष को विकास के पथ पर बढ़ायें – दिग्विजय महाविद्यालय में रसायन विभाग के सम्मेलन का गरिमामय समापन
Posted in General category - by

मिट्टी, हवा और पानी को प्रदूषण से बचाकर समाज और देष को विकास के पथ पर बढ़ायें – दिग्विजय महाविद्यालय में रसायन विभाग के सम्मेलन का गरिमामय समापन

राजनांदगांव। शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय के रसायन शास्त्र विभाग के तत्वावधान में यूजीसी द्वारा क्वालिटी आॅफ साॅयल एण्ड पब्लिक हेल्थ (मिट्टी की गुणवत्ता और जन स्वास्थ्य) विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय काॅन्फ्रेन्स आज समापन हुआ। मुख्य अतिथि सागर विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक एवं प्रख्यात रसायन शास्त्री प्रो. ए.पी.मिश्रा थे। अध्यक्षता डाॅ.हेमलता मोहबे ने की। प्राचार्य डाॅ.आर.एन सिंह, डाॅ.आलोक मिश्रा, सत्र संयोजक डाॅ.चन्द्रकुमार जैन तथा सम्मेलन के संयोजक प्रो.अंजू झा मंचस्थ थे।
सभी वक्ताओं ने सम्मेलन के विषय तथा प्रतिभागियों की प्रस्तुति की मुक्त कंठ से सराहना की और उत्कृष्ट व्यवस्था के लिए रसायनशास्त्र विभाग को बधाई दी। मंच से विशिष्ट सहयोग के लिए           डाॅ.चन्द्रकुमार जैन, डाॅ.शैलेन्द्र सिंह और डाॅ.अंजू झा का विशेष सम्मान किया गया। प्रारंभ में विभाग की ओर से अतिथियों का रसायन परिषद की तरफ से हेमलता साहू एवं गौरव तिवारी ने भावभीना स्वागत किया गया।
सम्मेलन के समापन दिवस पर तकनीकी सत्र के रिसोर्स पर्सन प्रो.ए.पी.मिश्रा ने मिट्टी और जनस्वास्थ्य से जुड़े पर्यावरण से संबंधित मुद्दों पर खासतौर पर चर्चा की। उन्होंने बड़ती आबादी से उत्पन्न जरूरतों के कारण मिट्टी के असीम दोहन तथा क्षरण के कारणों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा वैसे भी हर बीस साल में चीजें और धारणाएं बदल जाती हैं। प्रो.मिश्रा ने आशा व्यक्त की कि रसायनशास्त्र के ज्ञान को अपनी मिट्टी से जुड़कर हमारी नई पीढ़ी समाज सेवा की राह पर आगे बढ़ायेगी। उन्होंने चेतावनी दी कि 2000 तरह की बड़ी बीमारियों में आज भी केवल 200 बीमारियों का इलाज हमारे पास है। यदि हम हवा, मिट्टी और पानी के प्रति जवाबदार बने तो हमें दवा के दम पर जीने की जरूरत ही नही रहेगी। अच्छा स्वास्थ्य दुनिया की सबसे बड़ी दौलत है।
दूसरे तकनीकी सत्र में पं.रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के प्रो.मानसकांति देब ने अपना प्रजेन्टेशन दिया। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन का यही संदेश है कि मिट्टी का क्षरण नहीं संरक्षण हो। सत्र की अध्यक्षता डाॅ.आलोक मिश्रा ने की। इन दोनों सत्रों में 15 शोधार्थियों ने अपना प्रस्तुततीकरण दिया। समापन समारोह का संयोजन डाॅ.चन्द्रकुमार जैन ने किया। तकनीकी सत्रों का संचालन कु.स्मृति जैन ने किया।

Preview News मिट्टी की गुणवत्ता से जुड़ा है मानवता का भविष्य-दिग्विजय कालेज के रसायन विभाग का राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू

Next News इंग्लिष कम्युनिकेषन की रूकावटों पर राष्ट्रीय सेमीनार प्रारंभ-दिग्विजय महाविद्यालय के अंग्रेजी विभाग का आयोजन