इतिहास विभाग में व्याख्यान माला
शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय के इतिहास विभाग में व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। “भारतीय इतिहास की विषय वस्तु पर्यावरण” पर व्याख्यान के मुख्य वक्ता डाॅ मानव कुमार सिंह जवाहर लाल नेहरु पी.जी. कालेज बाराबांका उत्तरप्रदेश थे। डाॅ. सिंह ने कहा कि इतिहास के निर्माण में भौगौलिक स्थिति और पर्यावरण का महत्वपूर्ण योगदान पाया जाता है। मानव और पर्यावरण एक-दूसरे से घनिष्ठ रुप से संबंधित है। व्यक्ति के रहन-सहन, खान-पान और चरित्र निर्माण में भी जलवायु एवं पर्यावरण अत्यधिक सहायक होते है। अतः इसमें संदेह का कोई आधार नही कि पर्यावरण मानव के क्रिया-कलापों को प्रभावित करता है। पर्यावरण के प्रभाव के कारण मंगोलो की विशाल सेनाओं को दिल्ली सुल्तानों के सम्मुख घुटने टेकने पडे और राजपूत और मराठे अपने सीमित साधनों के बाद भी मध्यकाल में बड़ें शासकों को पराजित कर सके।
डाॅ. शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि हिमालय पर्वत ने भारतीय इतिहास को अत्यधिक प्रभावित किया। उसने उत्तर भारत की ओर से भारत को अखण्ड सुरक्षा प्रदान की। भारत की सभी बडी नदियों का उद्गम भी इसी पर्वत से है। वास्तव में उर्वर भूमि के कारण ही भारत एवं कृषि प्रधान देश बना।
प्रो.पी.डी. सोनकर ने कहा-भारत की परिस्थिति प्राचीन समय से लेकर आधुनिक काल तक पर्यावरण के कारण बदलती रही। जिसके कारण हमारा इतिहास व्यापक रुप से प्रभावित होता रहा। इस अवसर पर प्रो. नन्दकिशोर सिन्हा एवं एम.ए. इतिहास के समस्त विद्यार्थी उपस्थित थे।