07
November, 2016
GST (वस्तु एवं सेवा कर) पर अर्थशास्त्र विभाग द्वारा अतिथि व्याख्यान
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GST (वस्तु एवं सेवा कर) पर अर्थशास्त्र विभाग द्वारा अतिथि व्याख्यान

 

शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग द्वारा आयोजित अतिथि व्याख्यान के वक्ता          डाॅ.आनन्द विश्वकर्मा प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय बोरी ने GST (वस्तु एवं सेवा कर) पर छात्रों को संबोधित किया। आपने बताया कि 122 वें संविधान संशोधन विधेयक के द्वारा यह कर प्रणाली 01 अप्रेल 2017 से लागू होगी। वर्तमान में 05 राज्यों को छोडकर शेष सभी राज्यों ने ळैज् लागू करने के संबंध में अपनी स्वीकृति दे दी है। इस व्यवस्था के लागू होने से भविष्य में बाजार एकीकृत हो जायेगा। इस कर से उपभोक्ता वर्ग लाभान्वित होगा, क्योंकि वर्तमान कर प्रणाली में उपभोक्ता अप्रत्यक्ष कर के रूप में एक ही वस्तु पर एक से अधिक बार कर का भुगतान करता है। जबकि ळैज् प्रणाली से यह समाप्त होगा। अभी इस कर की दरें निर्धारित नही हो पाई है। शीघ्र ही कर की दरें भी निर्धारित होगी। ळैज् लागू होने से विकास दर भी बढ़ेगी
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ.आर.एन.सिंह ने कहा कि कर प्रणाली के संबंध में यह व्याख्यान छात्रों को कर व्यवस्था के नये बदलाव की जानकारी देगा। इस तरह के नये विषयों का अध्ययन छात्रों के लिये प्रतियोगी परीक्षा की दृष्टि से भी आवश्यक है। विभागाध्यक्ष डाॅ.चन्द्रिका नाथवानी ने कहा कि छात्रों को अपने विषय की अद्यतन जानकारी व्याख्यान के माध्यम से समय-समय पर दी जाती है। ळैज् पर व्याख्यान छात्रों को नई कर व्यवस्था की जानकारी देगा।
एम.ए.प्रथम सेमेस्टर के छात्र गौरव सुरजा ने ळैज् पर अपने विचार प्रस्तुत किये, इस अवसर पर डाॅ.(श्रीमती) सुमीता श्रीवास्तव विभागाध्यक्ष ग्रामीण विकास, अर्थशास्त्र के सहायक प्राध्यापक डाॅ.महेश श्रीवास्तव, श्रीमती मीना प्रसाद अतिथि व्याख्याता कु.सविता डहरिया एम.ए.अर्थशास्त्र के छात्र तथा ग्रामीण विकास के छात्र उपस्थित थे।

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