रिसर्च मेथेडोलाॅजी पर राज्य स्तरीय कार्यशाला
शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय में न्यू टेªन्ड इन रिसर्च मेथेडोलाॅजी पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए डाॅ. शैलेन्द्र सिंह ने कार्यशाला का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए कहा कि आज छत्तीसगढ़ के हर क्षेत्र में शोध की आवश्यकता है। इस हेतु इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है जिसमें शोध की नवीन प्रविधियों तथा शोध की आधुनिक प्रक्रिया को विषय-विशेषज्ञ स्पष्ट करेंगे। यह विषय प्रदेश के सभी शोध छात्र-छात्राओं के लिए आवश्यक उपयोगी और लाभप्रद होगी इसलिए महाविद्यालय की शोध समिति ने स्तरीय शोध विशेषज्ञों को आमंत्रित कर कार्यशाला का आयोजन किया है।
इस अवसर पर प्राचार्य डाॅ. आर.एन. सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारे महाविद्यालय के अधिकांश प्राध्यापक युवा है अतः इस कार्यशाला का लाभ लेकर वे अपने शोध कार्यो से प्रदेश को लाभान्वित कर सकते है। शोध की नवीन प्रविधियों की जानकारी उच्चस्तरीय शोध के आवश्यक है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डाॅ. हेमलता महोबे ने धीरुभाई अंबानी के कथन को उद्घृत कर कहा कि गहरा सोचो, और सोच को कार्य रुप में परिणित करने की कोशिश करो। यही शोध है उन्होने शोध प्रक्रिया की विस्तार से छात्र-छात्राओं को जानकारी दी। उन्होने कहा यदि शोध के परिणाम अनुकूल आते है तो काफी संतुष्टि प्राप्त होती है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ के कुलपति माननीय डाॅ. माण्डवी सिंह ने कहा कि शोध की पहली शर्त ईमानदारी होना है पर दुर्भाग्य है कि ईमानदारी से शोध कार्य करने वाले बहुत कम है। यदि ईमानदारी से शोध किया जाए जो वह आपके पूरे जीवन को परिवर्तित कर देता है और आपके जीवन में हमेशा रहता है। उन्होनें छात्र-छात्राओं से कहा कि पहले शोध की विषय-वस्तु को अच्छे से जान ले तब शोध कार्य आसान हो जाता है। शोध कार्य सामान्य अध्ययन की गतिविधि से उपर होता है।
कार्यशाला के विशेष अतिथि तथा विषय विशेषज्ञ डाॅ. अनुपमा सक्सेना जो गुरु घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से आई थी उन्होनें मैथड आफ प्रायमरी डाटा कलेक्शन आफ फील्ड वर्क विषय पर व्याख्यान दिया। डाॅ. एस. के. सिंह ने अपने व्याख्यान में एस.पी.एस.एस. के उपयोग का तरीका एवं महात्वों को बताया। तथा डाटा का संकलन तथा प्रसंस्करण करने के सरल तरीके सुझाये। डाॅ. एस.के.जाधव रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर ने शोध परियोजना के आवेदन हेतु प्रारुप- साहित्यों का संकलन, लागत अनुदान स्त्रातों, परियोजना बनाने के तरीके पर विस्तार से जानकारी प्रस्तुत की। कार्यक्रम की संयोजक डाॅ. चन्द्रिका नाथवानी तथा शोध समिति के सदस्य प्रो. के.एन. प्रसाद ने अंत में धन्यवाद ज्ञापन किया इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक तथा प्रदेश के अन्य महाविद्यालयों से आए हुए शोधार्थी उपस्थित थे।