व्यवहार वाद-विषय पर अतिथि व्याख्यान
शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा आधुनिक राजनीति विज्ञान विषय के अंतर्गत ष्व्यवहार वादष् पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया।
विषय विशेषज्ञ एवं मुख्य वक्ता डाॅ.शकील हुसैन सहा.प्राध्यापक शासकीय महाविद्यालय पाटन ने राजनीति विज्ञान के जनक अरस्तू से कार्लमाक्र्स तक के विचारकों के विचार पर प्रकाश डालते हुये कहा कि 20वीं शताब्दी का राजनीति विज्ञान ही तुलनात्मक राजनीति है। उन्होंने कालखण्ड के आधार पर बताया कि 1901 से 1939 तक व्यवहार वाद का समय है। कहा तथा बताया कि प्रमाणित किया जा चुका ज्ञान ही विशेष ज्ञान है तथा व्यवहारवाद के जनक अमेरिकी राजनीति शास्त्रीयों द्वारा ऐसे ही प्रमाणित ज्ञान के आधार पर व्यवहार वाद सिद्धांत का निर्माण किया गया। उन्होंने व्यवहारवाद क ेजनक लाॅसवेल एवं डेनिड ईस्टन के विचारों को सरल एवं रोचक तरीके से उनके उदाहरण देकर व्याख्या की।
सत्र 1960 से उत्तर व्यवहार के प्रभाव के बारे में विस्तार से बताते हुये कहा कि मूल्य व्यवस्थापन, विशुद्ध ज्ञान, समग्रता इन तत्वों के व्याख्यान से उत्तर व्यवहार वाद की व्याख्या की।
विभागाध्यक्ष डाॅ.श्रीमती अन्जना ठाकुर ने डाॅ.शकील हुसैन का परिचय एवं स्वागत उद्बोधन दिया। कार्यक्रम का संचालन अतिथि प्राध्यापक श्री देवानन्द ने एवं अतिथि के प्रति आभार प्रदर्शन डाॅ.अमिता बख्शी ने किया।
कार्यक्रम में एम.ए.पूर्व एंव अंतिम वर्ष तथा स्नातक कक्षा के विद्यार्थी उपस्थित थे।