राजनीति विज्ञान परिषद् का उद्घाटन एवं विषेष व्याख्यान का आयोजन
राजनांदगांव : शासकीय र्दििग्वजय महाविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में प्राचार्य के निर्देशन एवं विभागाध्यक्ष डाँ. अंजना ठाकुर के मार्गदर्शन में राजनीति विज्ञान परिषद् का उद्घाटन एवं विशेष व्याख्यान वर्तमान परिपे्रक्ष्य में भारत -चीन सम्बंध पर आयोजित किया गया । इस अवसर पर विषय विशेषज्ञ डाँ. संगीता घई प्राध्यापक डागा महाविद्यालय रायपुर , उपस्थित थे । सर्वप्रथम विभागाध्यक्ष ने स्वागत एवं परिचय दिया तथा परिषद् का उद्घाटन किया गया । राजनीति विज्ञान परिषद् का गठन छात्रों के पूर्व कक्षाओं में प्राप्त अंकों के गुणानुक्रम के आधाार पर परिषद् के विभिन्न पदों के मनोनयन में अध्यक्ष राजेन्द्र कुमार ( एम. ए. अंतिम ) उपाध्यक्ष कु. दिपिका , सचिव लोकेश्वरी वर्मा ( बी. ए. तृतीय ), सहसचिव कु. शालिनी ( एम. ए. अंतिम ) कोषाध्यक्ष प्रीति साहू एवं प्रचार प्रसार तथा आयोजन समीति सदस्यों के रूप में छात्र छात्राओं का उपरोक्तानुसार चयन किए जाने की जानकरी दी तथा छात्रों के इस परिषद् के माध्यम से उनके दायित्वों और विचार मंथन करने के अवसर को सदुपयोग करने की अपील की और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की । कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एवं विषय विशेषज्ञ ने छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए शैक्षणिक गुणवत्ता के साथ साथ समाज तथा राष्ट्र निर्माण में योगदान में अग्र भूमिका सुनिश्चित करने की आग्रह की । इस अवसर पर विभाग के सभी अध्यापाक एवं स्नातक एवं स्नातकोत्तर छात्र छात्राएं उक्त आयोजन सफलतापूर्वक बनाने में अपनी गरिमामयी उपस्थिति दी ।
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में विषय विशेषज्ञ डाँ. संगीता घई द्वारा वर्तमान परिप्रेक्ष्य में भारत – चीन सम्बन्ध पर व्याख्यान दिए , उन्होंने विषय की चर्चा करते हुए यह बताया की स्वतंत्रता के शुरूआती दौर में भारत – चीन सम्बंधों की शुरूआत मधुरता एवं मित्रतापूर्वक हुई थी परंतु 1960 के दशक में तिब्बत एवं सीमा विवाद के मुद्दे के चलते, पंचशील समझौते का कटुता एवं शत्रुता में परिवर्तन हुआ । वर्तमान में दोनों देंशों के मध्य विवाद का प्रमुख मुद्दा डोकलाम ( जिसे चीन में डोकलाम कहा जाता है ) का है, जहाॅं चीन सडक बना रहा है, यह वही जगह है जो भारत के उत्तर पूर्वी राज्य सिक्कीम के पास स्थित है , चीन द्वारा सडक बनाने की मंशा यह जाहिर करती है कि वह भूटान को ढाल बना कर भारत की सम्प्रभुता को आघात पहुॅचा सकता है । साथ ही साथ दोनों देश एक दूसरे के विरू़द्ध अंतर्राष्ट्रीय मंच पर दूसरे देशों का सहयोग लेते हैं । इस प्रकार यह देखने को मिलता है ये दोनों देश वर्तमान समय में एशिया पर वर्चस्व कायम करने के लिये लगे हुए है । उक्त शीर्षक पर महत्वपूर्ण जानकारी उपस्थित सभी छात्रों के लिए अत्यधिक लाभदायक रही ।छात्र छात्राओं ने उनके मन की विचारें और छोटे छोटे प्रश्नों के माध्यम से उत्तर प्राप्त करने का विभाग ़़द्वारा किए गए यह प्रयास सार्थक साबित हुआ है । व्याख्यान पश्चात कार्यक्रम का संचालन डाॅ. अमिता बख्शी ने की तथा श्री संजय सप्तर्षि नें धन्यवाद दिए ।