भूगोल विभाग में एल्युमनी सम्मेलन
शासकीय दिग्विजय स्नातकोत्तर स्वशासी महाविघालय के भूगोल विभाग में 4.11.2016 मंगलवार को एल्युमनी सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर डाॅ.कृष्णनंदन प्रसाद जो कि विभागध्य, डाॅ.शुभेन्द्र जेनामणी सह/प्राध्यापक कु.गीता बंजारे एवं सहा. और वर्तमान छात्र-छात्राएं प्रथम सेमेस्टर एवं तृतीय सेमेस्टर छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। भूतपूर्व छात्रो में संख्या उपस्थिति की कमी थी परन्तु उनके विचार बहुत महत्वपूर्ण थे। विभागध्य ने इस तरह छात्रों के बीच प्राकृति मानव संबंध की तरह मजबूत स्वस्थ संतुलित मिठास भरे संबंध की आवश्यकता है। विकास के प्रगति पथ पर आगे बढ़ने के लिए यह अति आवश्यक है। पुराने विद्यार्थीयों का लाभ वर्तमान विद्यार्थीयों की ऐसे सम्मेलन के माध्य से मिलता है।
एल्युमनी में सबसे पुराने एल्युमनी श्री प्रवीण साव ने स्वयं अनुशासित रह कर समय तालिका बनाकर विषयों के विश्लेषणात्मक अध्ययन करें। इससे उनमें सही समय विकसित होगी। श्री टीकेश्वर वर्मा ने याद करना याद होना याद आना को बहुत ही सरल तरीके से समझते हुए नये साथियों में पढ़ने के प्रति एक ललक पैदा की लक्ष्य निर्धारित कर मेहनत करने के लिए प्रेरित किया।
कु.उषा अवस्थी ने लक्ष्य बिना अध्ययन करना करना माने जैसे वह बिना पते ाि लिफाफा हो। श्री होरी कोरार्म एक कहानी के माध्यम से एक शराबी के दो पुत्र एक सफल एक असफल के माध्यम से चुनौती स्वीकार कर सफल पुत्र बनने के लिए राह दिखाया। श्री नरेश सिन्हा अभीव्यक्ति कौशल विकसित करने पर जोर देते हुए समय प्रंबंधन को जीवन में लागू करने की बात कही क्योंकि समय ही रूपया है।
कु.गीता बंजारे-क्लास लेक्चर अटेन्ड करने के बारे में कहा और उस क्लास में जो पढ़ाया गया घर में उसे जाकर रिविजन के महत्व के बारे में बताया गया ।
डाॅ.जेनामणी ने सम्मेलन की समाप्ती की घोषणा करते हुए पुराने छात्रों के अनुभव का लाभ उठाने के प्रेरित किया।