10
February, 2015
प्रतिभा, प्रोत्साहन और समन्वय भाव हैं संस्था के आधार – श्री खूबचंद पारख. दिग्विजय महाविद्यालय में गरिमामय वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह.
Posted in Sports category - by

राजनांदगांव। शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय के क्रीड़ा विभाग द्वारा वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह, आत्मीय और गरिमामय वातावरण में, 20 सूत्रीय क्रियान्वयन समिति के पूर्व उपाध्यक्ष और प्रतिष्ठित समाजसेवी श्री खूबचंद पारख के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। समारोह की अध्यक्षता महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति की अध्यक्ष एवं डोंगरगढ़ की विधायक श्रीमती सरोजनी बंजारे ने की। मंचस्थ प्राचार्य डाॅ.आर.एन.सिंह ने प्रास्तावित संबोधन में महाविद्यालय का नाम रौशन करने वाले सभी विद्यार्थियों, खिलाड़ी छात्र-छात्राओं और प्रतिभाओं को बधाई दी। मंच पर विशेष अतिथि श्री किशुन यदु एवं नोमेश वर्मा क्रीड़ाधिकारी श्री बी.एस.भाटिया का, राष्ट्रीय कबड्डी रेफरी बनने तथा बहुआयामी योगदान के लिए अतिथियों ने सम्मान किया। छात्रसंघ अध्यक्ष श्री आकाश कुमार त्रिपाठी ने अपनी शुभकामनाएं दीं।

समारोह के मुख्य अतिथि 20 सूत्रीय क्रियान्वयन समिति के पूर्व उपाध्यक्ष श्री खूबचंद पारख ने सहज, सरस और प्रेरणास्पद शैली में कहा कि किसी भी संस्था में प्रतिभाओं को प्रोत्साहन और उनकी क्षमताओ का विकास करना बड़ी जिम्मेदारी होती है। यह खुशी की बात है कि, दिग्विजय महाविद्यालय में ऐसी प्रभावी कोशिशों की मिसालें देखी जा सकती है। श्री पारख ने रोचक शब्दों में कई मर्म भरी बाते कहीं। उन्होंने कहा कि हार या जीत से बड़ी बात है, संघर्ष और हौसले को बरकरार रखा जाये। इसी तरह संस्था के विकास में सबसे बड़ी भूमिका स्नेह, समझ, सद्भाव और समन्वय की होनी चाहिए।

श्री पारख ने आगे कहा कि नई सदी में युवाओं के बढ़ते कदम और महिलाओं की बढ़ती भागीदारी सौभाग्य के विषय हैं। उन्होंने समारोह में पुरस्कृत युवा प्रतिभाओं और छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं दी। अध्यक्षीय आसंदी से विधायक श्रीमती सरोजनी बंजारे ने कहा कि क्रीड़ा और सांस्कृतिक गतिविधियों से विद्यार्थियों का व्यक्तित्व निर्माण होता है। खेल भावना से खेलने और जीने से हर समस्या का समाधान निकल सकता है। श्रीमती बंजारे ने उपलब्धियों के लिये होनहार विद्यार्थियों को बधाई दी। इससे पहले क्रीड़ा अधिकारी श्री बी.एस.भाटिया ने विभागीय प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि महाविद्यालय के खिलाडि़यों ने वि.वि., प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर संस्था का नाम रोशन किया है।

प्रारंभ में महंत राजा दिग्विजय दास तथा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण, पूजन व वंदना के बाद अतिथियों का भावभीना स्वागत किया गया। समारोह का प्रभावशाली संचालन अपने चिर-परिचित अंदाज में, महाविद्यालय के प्राध्यापक डाॅ.चन्द्रकुमार जैन ने किया। इस अवसर पर क्रीड़ा, राष्ट्रीय सेवा योजना, सांस्कृतिक कार्यक्रम, राष्ट्रीय महत्व के बौद्धिक कार्यक्रम, कम्प्यूटर प्रशिक्षण, संस्कृत गीता पाठ कंठस्थीकरण आदि विधाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु प्रशस्ति पत्र, पदक, सम्मान प्रतीक चिन्ह, नगद राशि आदि प्रदान कर संस्था के होनहारों को पुरस्कृत किया गया।

गरिमामय समारोह में महाविद्यालय के प्राध्यापकगण डाॅ. अनिता महिश्वर, डाॅ.शबनम खान, डाॅ.अंजना ठाकुर, प्रो.किरणलता दामले, डाॅ.एच.एस.भाटिया, डाॅ.चन्द्रज्योति श्रीवास्तव, डाॅ.अमिता बख्शी, डाॅ.ओंकारलाल श्रीवास्तव, डाॅ.बी.एन.जागृत, डाॅ.ए.एन.माखीजा, डाॅ.एस.के.उके,  डाॅ.नीलू श्रीवास्तव, डाॅ.शंकरमुनि राय, प्रो. डी.सुरेश बाबु, डाॅ.के.के.देवांगन, डाॅ.शैलेन्द्र सिंह, डाॅ. अनिता शंकर सहित समस्त अतिथि प्राध्यापक और महाविद्यालय के सहयोगी कर्मचारी व विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

Preview News साइबर क्राइम रोकने तकनीक के वैधानिक उपयोग की शिक्षा जरूरी. दिग्विजय महाविद्यालय में समाजशास्त्र विभाग की राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन.

Next News प्रख्यात वैज्ञानिक प्रो. अजित केमभावी ने दिया 'प्रकाश की दुनिया' पर प्रभावशाली व्याख्यान. अंतरराष्ट्रीय प्रकाश वर्ष पर दिग्विजय महा. में ज्ञानवर्द्धक आयोजन.