पत्रकारिता विभाग में विस्तार गतिविधि कार्यक्रम आयोजित
सबेरा संकेत अखबार कार्यालय का शैक्षणिक भ्रमण
राजनांदगांव। स्थानीय दिग्विजय महाविघालय के पत्रकारिता विभाग के प्रमुख डॉ. बीएन जागृत एवं डॉ. नीलम तिवारी के मार्गदर्शन एवं अतिथि संकाय के प्राध्यापक श्रीमति कामायनी शुक्ला, अमितेश सोनकर, रितेश साहू के नेतृत्व में विस्तार गतिविधि कार्यक्रम के अंतर्गत महाविघालय पत्रकारिता विभाग के विघार्थियों ने जिले के सबसे पुराने और प्रमुख दैनिक अखबार सबेरा संकेत अखबार कार्यालय का शैक्षणिक भ्रमण किए। जहां पर विघार्थियों ने अखबार के बारे में जानकारी लिये। इस दौरान विघार्थियों ने कम्प्यूटर कक्ष, विज्ञापन कक्ष, विज्ञप्ति कक्ष और अखबार छापाखाना विस्तार पूर्वक जानकारी लेते हुए प्रश्र भी पूछे गए। जिसमें सबेरा संकेत अखबार कार्यालय की सहसंपादक प्रेरणा तिवारी ने बताया कि सबेरा संकेत अखबार का स्थापना सन 1957-58 में संस्थापक स्व. शरद कोठारी ने नांदगांव के रामाधीन मार्ग पर किए थे। जो आज जिले का सबसे पुराना और प्रतिष्ठित अखबार है। वर्तमान में इनके संपादक सुशील कोठारी हैं। श्रीमति तिवारी ने बताया कि अखबार को कोई एक व्यक्ति नहीं निकाल सकता है। अखबार निकालने के लिए लगभग 20 कर्मचारीयों की जरूरत होती है। जो अलग-अलग विभाग में बंटकर अखबार के लिए कार्य करते हैं। इसी बीच महाविघालय की छात्रा दीक्षा मिश्रा ने पूछा कि एक पत्रकार में किन-किन गुणों का होना आवश्यक है। श्रीमति तिवारी ने जवाब देते हुए कहा कि एक पत्रकार को हमेशा सत्यवान होना चाहिए। वह सरल स्वभाव का होना चाहिए। उन्होंने ने बताया कि एक पत्रकार को अपने अखबार के कार्य के प्रति हमेशा तत्पर रहना चाहिए।
श्रीमति तिवारी ने बताया कि जब पत्रकार अपने अपने अखबार के लिए सूचना की रिर्पोटिंग करता है तो उस के पास उस खबर की पूरी जानकारी होना चाहिए ताकि वह अपने अखबार में छाप सकें और अपने अखबार के माध्यम से लोगों को आसानी से सूचना प्रदान कर सके। इसी क्रम में उन्होंने विघार्थियों को बताया कि देश-दुनिया, राज्य और जिले की खबरें एकत्रित करके और उसे स्पष्ट करने के बाद रात्रि में अखबार के छपाई का कार्य किए जाते हैं। अखबार छप जाने के बाद हॉकर द्वारा इन अखबारों को जनता तक पहुंचाया जाता है। साथ ही उन्होंने बताया कि आज हर कोई अखबार पढ़ता है। वर्तमान में अधिकांश लोग सुबह बिना अखबार पढ़े दिन के आगे का काम नहीं करते है। आज स्थिति यह है कि एक खेती करने वाले किसान भी बिना अखबार पढ़े नहीं जाता है। चाहे उसे पढऩे आए या न आए। वह अखबार को एक बार जरूर देखेगा। इसीतरह विघार्थियों ने पूछा कि सबेरा संकेत अखबार का सर्कुलेशन कितना है, तो उन्होंने बताया कि लगभग आठ से दस हजार कॉपी बटती है। साथ ही उन्होंने विघार्थियों को समाचार पत्र की महत्व बताते हुए कहा कि एक अखबार पढऩे से हमेें देश दुनिया मेें घट रहे घटनाओं के बारे में, शिक्षा के बारे मेें और मनोरंजन के बारे में घर पर बैठ कर ही जानकारी मिल जाती है।
इस अवसर पर दिग्विजय महाविघालय के पत्रकारिता विभाग के दीक्षा मिश्रा, उमा वर्मा, मोहित, आदित्य, ईश्वर, विकास सिन्हा, रमण सोनवानी, नेमिश अग्रवाल, आशु सोनी, हेमेन्द्र, रोशन, सनुध मिश्रा, चन्द्रप्रकाश टेमरे, दिनेश, लुकेश कुमार आदि विघार्थी उपस्थित थे।