छत्तीसगढ़ पुरातत्व के क्षेत्र में सबसे धनी – अरुण कुमार शर्मा
शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय के इतिहास विभाग में छत्तीसगढ़ और पुरातत्व विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। प्रमुख वक्ता श्री अरुण कुमार शर्मा सलाहकार छत्तीसगढ़ पुरातत्व छत्तीसगढ़ शासन थे। श्री शर्मा ने छत्तीसगढ़ के खुदाई से प्राप्त प्राचीन जैन, बौद्ध एवं हिन्दू धर्म के मूर्तियों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की छत्तीसगढ़ का क्षेत्र पुरातात्विक साइड की दृष्टिकोण से भारत का सबसे समृद्ध कला क्षेत्र था। सिरपुर में 2600 साल पुराना बाजार मिला है। सिरपुर में खुदाई के दौरान अस्पताल प्राप्त हुआ है, जो भारत अभी तक दूसरा है, इसमें 12 बेड का कमरा तथा सर्जिकल कमरा भी अलग से है, धातुओं के औजार भी प्राप्त हुआ है। श्री शर्मा ने बताया कि भगवान राम ने अपना वनवास का अधिकांश समय छत्तीसगढ़ में बिताया क्योकि जिन पौधों का वर्णन मिलता है वह केवल दण्डकारण्य में मिलता है। छत्तीसगढ़ इतिहास परिषद द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय शोध संगोष्ठी में सम्मिलित शोध पत्र पढ़ने वाले छात्र/छात्राओं धमेन्द्र कुमार साहू, सूर्यकांत यादव, डोमेन्द्र कुमार देवांगन, दुर्गेश, नेहा को प्रमाण पत्र एवं स्तृति चिन्ह श्री अरुण कुमार शर्मा द्वारा प्रदान किया गया श्री अरुण कुमार शर्मा को स्तृति चिन्ह प्रो. पी.डी. सोनकर, डाॅ शैलेन्द्र सिंह एवं पा्रे. नन्दकिशोर सिन्हा के द्वारा प्रदान किया गया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. शैलेन्द्र सिंह एवं आभार प्रो. पी.डी. सोनकर द्वारा किया गया। इस अवसर पर प्रो. नन्दकिशोर सिन्हा, पुरनलाल साहू एवं इतिहास के समस्त छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।