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April, 2017
शोध परियोजना एक दिवसीय कार्यशाला
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शोध परियोजना एक दिवसीय कार्यशाला

डाॅ आर एन सिंग के निर्देषन एवं प्रो विजय मानिकपुरी के मार्गदर्षन मे समाज कार्य विभाग का अतिथि व्याख्यान रखा गया जिसमे डाॅ पी. आर. कथोरिया मैडम ने समाज कार्य विभाग के छात्र छात्राओ को मार्गदर्षन दिया। कार्यषाला का प्रारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ आर. एन. सिंग के उद्बोधन के साथ हुआ जिसमे कहा की षोध कार्य समाज कार्य हेतु बहुत ही महत्वपूर्ण विशय है तथा प्रचार्य महोदय द्वारा षोध सबंधी जानकारी छात्र छात्रायो को दी। जिसमे समाज कार्य विभाग के बी.एल. कष्यप , प्रो. विजय मानिकपुरी, प्रो. दिलीप साहू सर  उपस्थित थे।
इसके बाद अतिथि व्याख्यान अथर्व महाविद्यालय के प्रो. डाॅ कथुरिया मैडम द्वारा प्रारंभ किया गया जिसमे डाॅ कथुरिया मैडम ने अपने व्याख्यान छात्रो को दिया किस प्रकार षोध का विशय का चयन करना होता है तथा किस प्रकार षोध को प्रारंभ कि जाती है इसमे प्रथम चरण मे विशयो का चुनाव किया जाता है उसके बाद षोध के लिए प्रष्नवली तैयार कर फिल्ड मे जाना होता है। इसके बाद षोध कार्य करते समय विभिन्न समस्याए एवं चुनौतीयो का समना करना पडता है जिसे अपने कौषल तथा समझ द्वारा दुर किया जा सकता है। इसके बाद सूचनांक (डाटा) एकत्रित करके उसका किस प्रकार सारणी बध्द करके उसका मूल्यांकन किया जाता है ।
तत्पष्चात षोध कार्य करते समय डाटा एकत्रित करके उनकी सत्यापित (जाॅच) करके षोध को अंतिम प्रतिवेदन तैयार किया जाता है इसके बाद द्वितीय चरण मे फाइलींग प्रोजेक्ट वर्क विस्तार से मैडम ने बताया जहा पर छात्रो द्वारा समाज संस्थाओ मे जाकर विभिन्न प्रकार के स्वच्छता अभियान ग्रामीण जागरूकता षिविर अवलोकन कार्य करते है जहाॅ पर छात्र स्वंम व्यक्तिगत रूप से अवलोकन विशलेषण किया जाता है उसे प्रतिवेदन के रूप मे तैयार करके प्रोजेक्ट फाइल तैयार किया जाता है।

इस प्रकार मैडम कथुरिया के माध्यम से षोध परीयोजना एवं क्षेत्रीय कार्य प्रतिवेदन मे अपना व्याख्यांन को छात्र- छात्राओ को समझाते हुए अपना व्याख्यान समाप्त किया। तथा छात्र – छात्राओ के द्वारा प्रष्न पुछा गया उन प्रष्नो के उत्तर सरल षब्दो मे मैडम के द्वारा दिया गया।
कार्यक्र्रम के अंत मे समाज कार्य विभाग के प्रध्यापक विजय मानिकपुरी सर ने डाॅ कथुरिया मैडम द्वारा दिए गया व्याख्यान को छात्रो के लिए महत्वपूर्ण बताया तथा उनके मार्गदर्षन मे बताये बातो का अनुसरण करके आगे बढने को कहा गया। अंत मे छात्र भरत साहू के द्वारा मैडम कथुरिया का अभार व्यक्त कर कार्यषाला की समाप्ति की घोशणा कि इन कार्य षाला मे उपस्थित छात्र हुमेष्वर प्रसाद, भरत, लाभीका, महेष, जासवा, तरूण, अरविन्द, षक्ति, महेष, अनिकेत, रविषंकर, रूखमणी, संजु, कवेरी, प्रवीण, मीरा, नन्दकुमार, सुनील मिश्रा, करूणा, छत्रपाल, दिपक, मुकेष पायल प्रतीक्षा, आदि छात्रगण उपस्थित हुए।

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